Sad shayari
*जिसने दिल में जगह बना ली वो हर हाल में कबूल है,*
*जो नजरों से ही गिर गया, उसको सोचना भी फ़िज़ूल है...!
जो चल रहा है,,,,रिश्तों का यह आखिरी दौर है...🖤
इसके बाद सबको श्रद्धांजलि अर्पित..!🙂
दांव पेंच तो सारे दुनिया को दिखा दिए
मगर जब आईना देखा तो बहुत टूटे हुए थे हम...
उसने हमारी मौजूदगी की सारी यादें मिटा दी साहब,
और खुद मेरे ज़ेहन में ही रह गया!
जैसे कोई अनसुलझी सी डोर सी
कहती हूं खुद से की भूल गई हूं तुम्हें
ना जाने क्यों ये झूठ बार बार कहती हूं खुद से
आज भी याद है मुझे वो फूलों से भरे रास्ते
जो अचानक बन गए थे हमारे लिए पथरीले से रास्ते
बहुत लोग सोचते थे कौन हम दोनो में बेवफ़ा था
पर न तुम बेवफा थे न मैं बेवफा थी ये वक्त ही बेवफा था
छोड़ दिया हमने एक दूसरे को अपनो को खोने के डर से
पर मुझे पता है आज भी मैं जिंदा हूं तुमे जैसे तुम मुझमें हो
आना मेरी आखिरी सांसों में तुम मैं राह देखूंगी तुम्हारी
वादा किया था एक बार फिर तुम्हारी हो कर मिलूंगी तुमसे
यूँ तो बड़े व्यस्त हो तुम,
फिर मुझे भूलने की फुर्सत कैसे मिली...!!!
छूट गया हाथ तुम्हारे हाथ से इश्क़ का कैसा पड़ाव था














