मेरे अल्फाज़
*चिंगारी को हवा देने की आदत नहीं है मेरी...*
*हक की बात पर आग लगाने का दम रखते हैं...!!*
न मैं गिरा और न मेरे हौसलों के मीनार गिरे।
पर, लोग मुझे गिराने में कई बार गिरे... 🔥👊
*मेरे किरदार में बस यही एक खराबी है...*
*ना इसमें बनावट है और ना अदाकारी है...!!*
यदि कोई तुम्हारे चेहरे पर लिखी उदासी पढ़ सकता है
तो यकीनन वह तुम्हारे प्रेम के योग्य है 🖤😇
*अपना किरदार लक्ष्मण जैसा,*
*ओर लोगो को केवल राम पसंद है,.....*
*मत् भूलो कि राम को राम बनाने के लिए लिए,*
*लक्ष्मण ओर हनुमान ने अपना सब कुछ नोंचावर किया*
नियत साफ है तो एक लौटो पाणी ही घणोई है
निजणा ५६ भोग ही की कामरा कोनी
निजणा ५६ भोग ही की कामरा कोनी
ज़िंदगी में एक बात की शह और मात है,
वो कल नही होगा जो आज आपके साथ है।
अजब सी गूँज उठती दर-ओ-दीवार से हर-दम
ये ख़्वाबों का ख़राबा है यहाँ सोया नहीं जाता
इंसान की अच्छाई पर,सब खामोश रहते हैं,
चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो,तो गूँगे भी बोल पड़ते हैं!
जो है, जीतना है,तुमसे है, काफ़ी है
अब इश्क़ कहो या पागलपन हम सब में राजी है 😇
लोग फेमस हो रहे हैं
और मुझे एक दो लोग जानते थे वो भी भूल गये ......🖤
अगर मैं अचानक से मर जाऊं
तो बस तुम लोग अपना ख्याल
रखना..✍️