ईश्क़
तमाम डाकख़ाने प्रेम से चलते रहे, और कचहरियां नफरत से
हैरत है कि डाकख़ाने कम हो गए, और कचहरियां बढ़ती चली गईं...
पत्थर की भी तक़दीर बदल सकती है,
शर्त यह है कि सलीक़े से सँवारा जाए ।।
*सुनो..
*न हो हाथों में हाथ, फिर भी एक आस रहने दो*...!!
*जरूर मिलेंगे कभी, दिल में ये अहसास रहने दो*...!!
औरत.... पारस की तरह होती है
वो इश्क नहीं करती....
वो...
वो इश्क में...बसती है
जिस रिश्ते को छू लेती है
इश्क से भर देती है।
Some line for women @everyone __________✍️✍️✍️
सुनो ना ......
प्यार..... करना, जताना और निभाना...
तीनो अलग अलग बाते है..!!
प्यार तो सभी करते ही है
किसी ना किसी से..
बस जता और निभा नहीं पाते..
जो जता देते है वो निभा नहीं पाते
और जो निभाने का सोचते है
वो जता नहीं पाते ।।।
अक्सर कहानियो का अंत ऐसा ही होता है..!
कहानी इसलिए भी कहा है क्यूंकि उन्होंने
प्रेंम को जताया या निभाया नहीं ।
प्यार तो बस हो जाता है..
उसे थोड़ी सी दिक्कत होने पर ढेर सारी चिंता जताना।
जरूरी काम छोड़कर उसके पास गए हो
ये बात उनसे छिपाना।
लाख बिजी होने पर भी फोन एक रिंग में उठाना
कितना अच्छा लगता है न..!
जब आप इश्क़ में होते हो बस उन्ही के लिए जीते हो
उन्ही की खुशी में हंसते हो उन्ही के दुःख में रोते हो.. !!
यही सब प्यार जताना ही तो है
निभाने वाला प्यार तो आजकल
बहुत कम दिखता है..
अक्सर इसी वजह से कहानिया
अधूरी सी रह जाती है..
और इन्ही सब की वजह से
बड़े शायर ने कहा है की
"खुशनसीब होते है वो लोग
जिनका इश्क़ मुकम्मल होता है'"
हम तो कहते है की खुशनसीब होते है
वो लोग जिन्हें इश्क़ होता है..!
फिर चाहे इश्क़ ज़िन्दगी भर साथ रहे
या ना रहे..
ज़िंदा रहने की वजह तो बन ही जाता है..
बस इश्क़ होना चाहिए..!
फिर चाहे आप किसी के साथ भी रहे..
किसी के साथ ना होने की कसक होनी चाहिए..
जो वक़्त साथ गुज़ारा है
अपने इश्क़ के..
उसी वक़्त के साथ ज़िन्दगी रहनी चाहिए ।।
बस आशिक़ो की परंपरा को बढ़ाते रहिए..
सबको उनका इश्क़ मिल जाए तो फिर
इश्क़ को कोई पूछेगा भी नहीं..
इसलिए बस इश्क़ करिए..
चाहे ज़िन्दगी भर साथ रहे ना रहे
बस करिए..
इश्क़ बहुत खूबसूरत एहसास है
लड़ना झगड़ना गुस्सा दिखाना बहस करना
फिर शाम से सुबह होते होते मिस करना
कि ये बातें कैसे शेयर करूँ
अच्छा ये भी बताना था अरे तो उसको पता ही नही
मतलब अगर झगड़ कर बात चीत बन्द हो तो अजीब बेचैनियां रहती हैं इश्क़ जो है न एक बड़ा खूबसूरत एहसास
एक बार कर के तो देखिए
लाख लडोगे झगड़ोगे पास ही रहोगे
उसकी अनुपस्थिति में भी
उसी से संवाद करोगे
उसकी तस्वीरों को देखकर भी
अलग सुकून मिलेगा❤️❤️
"लेकर चले थे हम जिन्हें जन्नत के ख़्वाब थे
फूलों के ख़्वाब थे वो मुहब्बत के ख़्वाब थे
लेकिन कहाँ है इनमें वो, पहली सी दिलकशी"
"कोई तो कशिश है हम दोनों के बीच,,
जो उकसाती है मुझे तुम्हें चाहने के लिये ...!!"
"जगह देनी है तो अपनी "रूह" में दो, यूँ तो "दिलों" में तो बहुतो के बसते है हम !"
एक चित्र उभर आया..
ये इश्क़ का अंकुर था
वृक्ष बन निकल आया...!!